दोनों हाथ जोड़ लीजिए! सभी लोग और प्रेमपूर्वक आंखें बन्द कीजिए माथे को शान्त कीजिए चिंताओं और तनाव की दुनिया से थोड़ी देर के लिए परमेश्वर की कृपा और करुणा से स्वयं को जोड़ते हुए यहीं और इसी क्षण में स्वयं को केन्द्रित कीजिए!
मैं स्वयं के साथ हूं स्वयं की शान्ति में स्थित हूं! अपने भीतर की प्रसन्नता से युक्त हो रहा हूं मैं प्रेम हूं करुणा से भरपूर मेरा निज रूप आनन्द रूप है! मैं अपने आनन्द स्वरूप में स्थित हो रहा हूं स्वयं को शान्त कीजिए चेहरे पर मुस्कुराहट लाइए लम्बा गहरा श्वांस लेते हुए ॐकार का उच्चारण करें!
श्वांस भरिए अपनी चेतना को परम चेतना से जोड़ते हुए श्वांस भरते हुए भ्रामरी प्राणायाम करें! ॐ शान्त होते जाइए! शान्ति प्रगाढ़ शान्ति आंखों में प्रेम और आंखें बन्द रहेंगी चेहरे पर प्रसन्नता का भाव लाइए होठों पर मुस्कान लाएं भीतर से महसूस करें कि मैं खुश हूं मैं अपने प्रभु! का धन्यवादी हूं!
मैं परमात्मा के सुरक्षा कवच में हूं मुझ पर सदगुरु की कृपा हो रही है! मन-मन में तीन बार ॐ नमः शिवाय बोलिए मन-मन में प्रार्थना कर लीजिए कि हे प्रभु ! मुझे हमेशा अपनी कृपा छाया में रखिए मुझ पर! आपकी करुणा बरसे मैं आपका प्रेम पात्र बना रहूं मुझे संभाले रखना मुख पर मेरे गुरु का आशीष हमेशा रहे!