दोनों हाथ जोड़ लें और भगवान के साथ अपना मन जोड़ें! और एक निवेदन कर लें प्रभु से! हे परमेश्वर सर्वशक्तिमान भगवान! मनुष्य के पास सबसे बड़ी चीज़ उसकी शक्ति उसकी बुद्धि है। यह बुद्धि जितनी तीक्ष्ण हो पैनी हो लेकिन धर्म से युक्त रहे शुभ से जुड़ी रहे तो यह इन्द्रियाँ स्वयं का और समाज का बहुत बड़ा कल्याण करती है।
हम सबकी ये प्रार्थना है कि प्रभु! हमारा जो टैलेंट है हमारी जो प्रतिभा है उसका प्रयोग आपकी राह में हो शुभ कार्यों में हो! संसार में बहुत सारे लोग हैं जिनकी बुद्धि बहुत तीव्र है लेकिन वो संसार का विनाश करने में लगे हुए हैं! लोगों के मन में अशांति पैदा करने में लगे हुए हैं।
बुद्धि तीव्र होने के कारण दूसरों को ठगने में, उनका कुछ छीनने में ही लगे रहते हैं! जिनकी इन्द्रियाँ अच्छी है वो स्वयं का कल्याण करते करते इस धरती पर भी कुछ ऐसा करके जाते हैं कि उन्हीं के स्मारक बनते हैं, उन्हीं की स्मृतियां रहती हैं, उन्हीं के आदर्शों पर चला जाता है।
इसलिए ये प्रार्थना है कि प्रभु! ऐसी बुद्धि दें की हम कुछ बड़ा कर सकें अच्छा कर सकें और अच्छी स्मृतियां इस धरती पर छोड़कर जा सकें।
बस यही हमारी प्रार्थना है! सुबुद्धि दीजिए, सद्बुद्धि दीजिए, सुमति दीजिए! क्योंकि ये सुमति से ही तरह तरह की संपदा, सुख सौभाग्य प्राप्त होता है! इसी से हमारे भाग्य का निर्धारण होता है, इसी से भविष्य बनता है। हे प्रभु हमारी प्रार्थना को स्वीकार करना!
2 Comments
Hari om satguru ji
Pranam satguru
Sukriya
अति सुंदर