हे दयालुदेव परमेश्वर ऋद्धा भरा प्रणाम (प्रार्थना) स्वीकार करो! और चरण-शरण मे उपस्थित होकर हम आपके बालक-बालिकाएं आपके चरणों में यह निवेदन करते हैं प्रभ! वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए कि जिससे हम जीवन का लक्ष्य पहचानेंऔर आपके द्वारा दी गई जो शक्ति, बुद्धि, क्षमता और सामर्थ्य है उसका अच्छे से उपयोग करें।
अपने समय का अपने अवसरों का भी लाभ लें और वह भी कमाएं जो हमारी आत्मा के साथ इस लोक से उस लोक तक जा सके! जो हमें यहां भी शांति दे और वहाँ भी परम शांति दे!
इस दुनिया के लोगों को भी अपना बनाए, लेकिन दुनिया के मालिक को भी अपना बनाए।
इस दुनिया में भी व्यवहार कुशल हों और परमात्मा को पाने में भी हम कुशलता प्राप्त करें।
यहां हम अपने बड़ों के प्रति माता, पिता, बंधु, सखा, प्रियजनों के प्रति कृतज्ञ हो लेकिन परमात्मा के प्रति सदैव आभारी रहें!
परमात्मा का प्रतिनिधि जो इस धरती पर हमें हमारे! प्रभु से जोड़ने का, हमें स्वयं को स्वयं से मुलाकात करने का जो ज्ञान देता है, विधि देता है!
जीवन सिखाता है, जीवन में सुन्दर गुण सुगंधि भरता है, उस सद्गुरू के प्रति हमारी श्रद्धा, प्रार्थना, निष्ठा हमेशा रहे! और हम उनके चरण चिन्हों पर चलने के साथ-साथ उनके बताए हुए निर्देशों के अनुसार जीवन जिएं और संसार को भी लाभ दे सकें!
हमारी प्रार्थना को स्वीकार कीजिए प्रभु।
2 Comments
ओम्
As student it is not possible to comment on SadGuru since 30 yrs when and where possible I tried to hear his Godly advice