आत्मरूपांतरण – ज़िन्दगी को एक नया रूप देना! स्वाभाविक रूप से जीने की कोशिश करो और अपनी ज़िन्दगी की खुद जिम्मेवारी लो!
बिना नियम के दुनिया में कुछ भी नहीं है! अपना मौसम बदलिए और बाहर का मौसम बदलता महसूस होगा!
नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाओ! अपने अंदर सुझाव दो की मैं नकारात्मक क्यों सोच रहा हूँ? अपने मन को खाली करो, अकेले में टहलना थोड़ी देर, किसी भी चीज़ को ज्यादा दिल से न लगाएं!
क्षमा मांगो और क्षमा करो! सुबह सुबह प्रार्थना करें, भगवान् से क्षमा याचना करें! सब कुछ भगवान् के न्याय पे छोड़ दीजिये! अपना बोझ भगवान् को दे दीजिए और सबका भला हो, ऐसी दिल से प्रार्थना करना!
ह्रदय से उनको क्षमा करो जिन्होंने आपको दुःख दिया है और उनको भगवन के न्याय पे छोड़ दो! ऐसा करने से आपका चित्त शांत होगा!
कैसी ज़िन्दगी बनाना चाहते हैं आप? उसका एक स्वप्न देखा करें!
मन में भाव लाना की पिता परमात्मा के दर पर सब कुछ संभव है और मैं अपनी प्रार्थना उसको सौंपता हूँ!
आप जैसी ज़िन्दगी आगे चाहते हो उसका एक मानसिक चित्र बनाके उसको देखें और भगवान को सौंपिये!
दिन में कुछ समय निकालकर, आँखें बंद करके अपनी ज़िन्दगी को बेहतरीन होता हुआ देखिये! जैसा चाहते हो वैसा देखो और उसके लिए प्रार्थना करो !
एक एक घंटे बाद अपने आपको प्रभु से जुड़ा हुआ अनुभव किया करें!
सकारात्मक आत्मसंवाद करो! वही देखिये, वही सोचिये, जो आप अपने जीवन में पूरा होता देखना चाहते हैं!
अपनी कल्पना को पूरा करना है तो सही ज़मीन, सही मौसम और सही तरीके से बीज बोना आना चाहिए!
इस आत्मरूपांतरण के अभ्यास को १५ दिनों के लिए करें और नियम है की २१ दिन का अनुष्ठान करें, फिर चमत्कार देखें!
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I agree.