(विश्व शाकाहार दिवस 1 अक्टूबर पर विशेष)
भारतवर्ष ऋषि-मुनियों का देश रहा है। भारत में प्राचीन काल से ही अधिकतर लोग शाकाहारी आहार का प्रयोग करते आ रहे हैं। हाँलाकि प्राचीन काल से आदिवासी लोग मांसाहार आहार ही लेते आ रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण यह है कि उनकी जीवन शैली ही इस प्रकार रही है। भारत पर काफी लम्बे वर्षों तक बाहरी लोगों ने शासन किया है जिसके कारण यहाँ पर मांसाहार का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ गया था। किन्तु आजादी के बाद से मांसाहार आहार का प्रचलन कुछ कम हो गया है। लोगों के मन में धीरे-धीरे यह बात आ रही है कि जीवों की हत्या नहीं करनी चाहिए वे अभी हमारी तरह प्राण रखते हैं। इस मानवतावादी विचार के कारण ही मांसाहार आहार खाने की तरफ से लोगों का ध्यान हटा है और शाकाहार आहार की तरफ आकर्षित हुआ है।
शाकाहारी आहार पोषक तत्वों से भरपूर:
शाकाहारी खाने वालों को पोषक तत्व वनस्पति से प्राप्त होता है। व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जियों और दालों में बहुत अधिक पौषक तत्व पाए जाते हैं। शाकाहारी भोजन से व्यक्ति को रोगों से लड़ने की पूरी क्षमता प्राप्त होती है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइडेªड और वसायुक्त पदार्थ भी पाए जाते हैं जो व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। सब्जियों में विटामिन, अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं जो घातक बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं। शाकाहारी भोजन में शरीर की जरूरत के लिए कैलोरीज और पाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। शाकाहारी भोजन पाचन के हिसाब से भी अच्छा होता है, उसको व्यक्ति आसानी से पचा सकता है।
हृदय, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर एवं किड़नी रोगों से बचाव:
शाकाहारी भोजन में संतृप्त बसा और कोलेस्टाॅल की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे हृदय रोगों में बचाव होता है। शाकाहारी लोग काॅम्लेक्स क्रार्बोहाइट्रेड ज्यादा मात्रा में ग्रहण करने के कारण उनके शरीर की स्थूलता भी कम हो जाती है। शाकाहारी भोजन करने से फेफड़ों का कैंसर, आंत का कैंसर एवं स्तन के कैंसर की बीमारी का खतरा कम होता है। क्योंकि शाकाहारी भोजन में एस्ट्रोजन की मात्रा कम होती है। फल, अनाज एवं सब्जियों में रेशे और एंटीआॅक्सीडेंट ज्यादा मात्रा में होते हैं, जो कैंसर को दूर करने में बहुत बड़ी मदद करते हैं। मांसाहारी के अपेक्षा शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों में किडनी से संबंधित रोग कम होते हैं, क्योंकि यूरीन के प्रोटीन का निकल जाता है, कोशिकाओं द्वारा खून छनने की गति, किड़नी में खून का संचार ठीक प्रकार से होता है।
शाकाहारी भोजन व्यक्ति को ऊर्जावान बनाता है:
शाकाहारी भोजन की बहुत ही महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह जल्दी से पच जाता है, इसके अतिरिक्त यह दिमाग को सचेत रखता है जिससे व्यक्ति बुद्धिमान बन जाता है। शाकाहारी भोजन करने वाले व्यक्ति अवसाद के शिकार नहीं होते तथा वे हमेशा अपने आपका तरोताजा महसूस करते हैं।
जैसा खाए अन्न वैसा रहे मन्न:
यह एक प्राचीन कहावत है कि व्यक्ति जैसा खाना खाएगा उसका मन भी वैसा ही होगा। मांस किसी भी जीव की हत्या करके, उसे काट कर बनाया जाता है, जो देखने में ही कू्ररता का परिचायक होता है। जब व्यक्ति उसको खाएगा तो उसका मन भी क्रूरता जैसा बन जाएगा, उसमें दयाभाव की भावना कम हो जाएगी। इसके विपरीत शाकाहारी भोजन करने वाला व्यक्ति सादा खाना खाएगा तो उसका मन भी सादगी से भर जाएगा और वह किसी के प्रति क्रूरता का भाव नहीं रखेगा। शाकाहारी भोजन करने वाले व्यक्ति का मन हमेशा शान्त रहेगा और उसकी बुद्धि का विकास होता रहेगा।
निष्कर्ष:
उपरोक्त फायदों को देखते हुए विश्व शाकाहारी दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर शाकाहारी भोजन के फायदें बताए जाते हैं जिससे व्यक्ति शाकाहारी भोजन ग्रहण करें और अपने आपको शुद्ध करके विश्व कल्याण के मार्ग में आगे बढ़ता रहे।
3 Comments
माँसाहार करने के लिए आप स्वतंत्र हैं लेकिन उस जीव की हत्या जिसका आप माँस खाते हैं उसका कर्म भोगने के लिए आप परतंत्र हैं
हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रमाण सहित बताया है कि इंसान को कभी भी माँस नहीं खाना चाहिए
क्योंकि माँसाहारी और शाकाहारी जीव की संरचना,खान-पान और बहुत सारी चीजों में अन्तर होता है
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(1)मांसाहारी:-प्राणियों के मुख के अग्र भाग में तीक्ष्ण नुकीले दो दांत होते हैं ताकि वो अन्य प्राणियों को फाड़-फाड़कर खा सके, यह मांस रुपी भोजन को सीधा सटकते हैं,पीसकर नहीं खाते ।।
(2) शाकाहारी–प्राणी होंठ से पानी पीते हैं। जैसे- गाय,भैंस, इंसान इत्यादि……..
(2) मांसाहारी–जीभ से चाट-चाट कर(चप चप करके) पानी पीते हैं। जैसे- कुत्ता,शेर,बिल्ली,भालू,सियार…..
(3) शाकाहारी–इनकी संतान की आंखें पैदा होते ही खुलती हैं,बंद नहीं रहती। जैसे- हिरन,गाय,घोडा़,इंसान…
(3) मांसाहारी–इनके बच्चों की आंखें पैदा होने पर बंद रहती हैं,जो 2-3-4 दिनों बाद खुलती हैं। जैसे-शेर,बिल्ली,कुत्ता,भालू,बाघ……
(4) शाकाहारी–तीक्ष्ण नाखून नहीं होते,एक शफ या दो शफ रहते हैं,पंजे नहीं होते।
(4) मांसाहारी–पंजों पर नाखून तीक्ष्ण व नुकीले होते हैं ताकि शिकार को आसानी से फाड़कर उसे खा सकें।
(5) शाकाहारी–पांव की रचना से चलते समय आवाज हो सकती है।
(5) मांसाहारी–पांव के तलवे ऐसे(गद्दीदार) होते हैं जिससे चलने में आवाज न हो,ताकि अपने शिकार को सुगमता से प्राप्त कर सकें।
(6) शाकाहारी–बचपन के दांत गिरकर पुनः नये दांत आते हैं।
(6) मांसाहारी–बचपन के दांत गिरकर पुनः दूसरे नये दांत नहीं आते।
(7) शाकाहारी- ये रात के अंधेरे नहीं देख सकते
(8) माँसाहारी – ये रात्रि में देख सकते हैं
जानवर किसी भी सजीव की हत्या कर दे तो उसे पाप नहीं लगता
ठीक उसी तरह हमें भी सब्जी जैसी सजीव चीज खाने पर उसका पाप नहीं लगता क्योंकि इसमें खून या माँस नहीं रहता है।।
हालांकि कुछ जीव परिस्थिति बस शाकाहार के साथ माँसाहार भी करने लगे लेकिन वो सिर्फ नाम मात्र हैं जैसे बबून (एक बंदर जाति)
अत्यंत उत्तम शिक्षा
A person eating vegetables will be free from diseases like bird flue, swine flu among others. Plant proteins etc have natural taste while animal proteins depend totally upon spices for taste. Vegetarian food helps save environment. A lot of water is wasted on meat before cooking. Our body is suited to vegetarian diet. HariOmji. Guruve namah.