पर्यटन किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में सहायक है

पर्यटन किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में सहायक है

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(विश्व पर्यटन दिवस 27 सितम्बर पर विशेष)

प्राचीन काल से ही देशाटन ऋषियों-मुनियों और राजाओं को भी प्रिय रहा है। उस समय हवाई जहाज, ट्रेनें, बसें आदि सुविधाजनक वाहन नहीं होते थे। लोग घोड़ों पर बैठकर सवारी करते थे या पैदल ही यात्रा किया करते थे। प्राचीन काल में लोग हजारों-हजारों मील पैदल यात्रा करते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुॅंच जाया करते थे। हाँ! उसमें उनको काफी समय लग जाता था, परन्तु उनको उस यात्रा में आनन्द खूब आता था, साथ ही उन्हें उस इलाके की पूरी जानकारी भी प्राप्त हो जाती थी।

आज प्रत्येक व्यक्ति तनावग्रस्त है:

वर्तमान आधुनिक युग में प्रत्येक नर-नारी, बूढ़े एवं बच्चे किसी ना किसी अवसाद से घिरे हुए हंै, बड़े लोगों को अपना भविष्य बनाने एवं धन कमाने की धुन सवार है। बूढे़ लोगों को अपने स्वास्थ्य एवं मान-सम्मान की चिन्ता खाये जा रही है। बच्चों के ऊपर पढ़ाई-लिखाई का इतना बोझ लाद दिया गया है, उनको पढ़ाई के अलावा खेलने-कूदने का समय ही नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका बचपन खोता जा रहा है।

मानसिक तनाव दूर करने के लिए पर्यटन जरूरी:

चिन्ता अथवा मानसिक तनाव को दूर करने के लिए यह जरूरी है कि परिवार के लोग कम से कम सप्ताह में एक बार पर्यटन के लिए घर से बाहर निकलें और ऐसी जगह जाएँ, जहाँ खुली हवा में सांस लेकर तरोताजा हो जाएँ। इस प्रकार के पर्यटन से लौटने के बाद बच्चों और जवानों में एक नया जोश उत्पन्न होगा। वे अपनी दैनिक दिनचर्या में खुशी-खुशी तल्लीन हो जाएंगे। साल में एक बार यदि आपका बजट है तो विदेश यात्रा के लिए भी समय निकालें और विदेश की सैर करें। इससे आपको दूसरे देशों की संस्कृति और वहाँ के रहन-सहन के बारे में जानकारियाँ प्राप्त होंगी। कुछ अच्छी बातें भी सीखने को मिलेंगी, उनसे प्रेरणा लेकर आप अपने जीवन को और अधिक बेहतर बना सकते हैं।

विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत:

संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1980 में 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितम्बर का दिन ही क्यों चुना गया, वह इसलिए कि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन दिवस के संविधान को स्वीकार किया गया था। इसलिए हर वर्ष 27 सित्मबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

पर्यटन से अर्थव्यवस्था में मजबूती:

पर्यटन एक तरफ जहाँ हमारे जीवन में खुशियाँ देता है, वहीं दूसरी तरफ देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में प्रत्येक देश की पहली आवश्यकता अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास करना है। आज प्रत्येक देश पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन उद्योग को विशेष महत्व दे रहे हैं। जिसकी वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था काफी सुदृढ़ हुयी है। यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाडा, आॅस्टेªलिया आदि ऐसे देश हैं, जहाँ पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहाँ की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है।

जल पर्यटन:

पर्यटन विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को बहुत ही प्रिय लगता है। पर्यटन में भी समुद्र के किनारे या झील के किनारे पर लोगों को बहुत अधिक आनन्द आता है। विश्व में नदियों, झीलों, जल प्रपातों के किनारे अनेकों पर्यटल स्थलों का विकास किया गया है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है।

भारत में पर्यटन का महत्व:

भारत में पर्यटन का एक विशेष महत्व है। भारत की पुरातात्विक विरासत या संस्कृति केवल दार्शनिक स्थल के लिए नहीं होती है, बल्कि इससे राजस्व की भी प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त पर्यटन क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों की कमाई का एक बहुत बड़ा साधन भी है। आज भारत को देखकर विश्व के अनेक देशों ने अपनी पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षण देना शुरू कर दिया है।

भारत में अनेक मनमोहक स्थल मौजूद हैं, जिनमें से मुख्यतः भव्य स्मारक, प्राचीन मन्दिर, प्राचीन मकबरें आदि हैं। भारत के राज्यों में केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसे स्थानों पर विदेशी पर्यटकों को घूमना बहुत अच्छा लगता हैं। भारत में विदेशी पर्यटक अपने परिवार तथा इष्ट मित्रों के साथ लाखों की सख्या में प्रतिवर्ष भारत पर्यटन के लिए आते हैं। भारत एक विकासशील देश हैं, जिसमें पर्यटन उद्योग हेतु उपयुक्त वातावरण है। भारत में सभी प्रकार के पर्यटकों को चाहे वे साहसिक यात्रा पर हों, सांस्कृतिक यात्रा पर या वह तीर्थयात्रा करने आए हों या खूबसूरत समुद्री-तटों की यात्रा पर निकले हों, सबके लिए खूबसूरत जगहें हैं। दिल्ली, मुम्बई, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अनेक ऐतिहासिक इमारतों को देखते हुए और प्राकृतिक छटाओं का आनन्द लेते हुए विदेशी लोगों को घूमते-घूमते एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है।

विदेशी पर्यटकों का आकर्षण:

भारत में अनेक धर्मों और संस्कृति को मानने वाले लोग निवास करते हैं। इसलिए भारत में मेलों और त्योहारों की प्राचीन परम्परा अभी तक चली आ रही है। विदेशी पर्यटक हमारी संस्कृति की झलक देखने के लिए व्याकुल रहते हैं। भारत के प्रमुख त्योहारों में केरल का ओणम, चेन्नई का पोंगल, मैसूर का दशहरा, गुजरात का नवरात्र, राजस्थान का गणगौर, कोलकाता की दुर्गा पूजा, दिल्ली की होली आदि शामिल हैं।

भारत के राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने रेलगाड़ी की शाही सवारी कराने के माध्यम से लोगों को पर्यटन का लुत्फ उठाने का अवसर प्रदान किया है। जिसे ‘पैलेस आॅन व्हील्स’’ नाम दिया गया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम की यह पहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है।

भारत की राजधानी में स्थित दिल्ली के लालकिले में ‘ध्वनि और प्रकाश’ का संध्याकालीन मनोरंजन का कार्यक्रम बहुत ही आनन्द प्रदान करता है। इस प्रकार के कार्यक्रम अब आगरा, गोलकुंडा, अजमेर, चित्तौड़गढ़ जैसे स्थानों पर भी करने की योजना है।

निष्कर्ष:

सभी नर-नारियों को अपने परिवार के साथ सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य घूमने-फिरने के लिए घर से बाहर जाना चाहिए, ताकि उनका मानसिक अवसाद दूर हो सके और उनमें एक नए संचार का उदय हो सके। यदि मनुष्य का मन स्वच्छ रहेगा तो वह दुनिया का बड़े से बड़ा कार्य आसानी से कर सकता है और वह अपने देश का भविष्य उज्ज्वल बना सकता है।

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