दोनों हाथ जोड़ लीजिए सभी प्रेम पूर्वक अपनी आंखें बंद कीजिए! प्रभात की इस पवित्र बेला में अपना ध्यान पूर्ण संसार से हटाकर पूर्ण जगत के स्वामी परमेश्वर में अपने आप को एकाग्र कीजिए! चेहरे पर प्रसन्नता, आशीर्वाद का भाव ले आइए होंठों पर मुस्कुराहट पूर्ण शरीर शांत करें अपने ईष्ट देव का ध्यान कीजिए अपने प्रभु का स्वरुप ध्यान में लाकर मन ही मन उनका नाम स्मरण कीजिए!
मन ही मन भगवान को प्रणाम कीजिए और अपने प्यारे प्रभु से निवेदन करें! हे दयानिधान, कृपानिधान, सर्वशक्तिमान परमेश्वर
मेरा प्रणाम स्वीकार करो प्रभु!
हे निर्विकार मेरे जीवन के जितने भी विकार हैं! उनको आप उन्मूलन कर दीजिए विकारों को दूर कर दीजिए मुझे शुद्ध कीजिए निरमल कीजिए
मुझे सौभाग्य का आशीर्वाद दीजिए! प्रसन्नता आनंद और शांति का आशीर्वाद दीजिए अपनी भक्ति का दान दीजिए!
मैं अपने भीतर से विकसित हो सकूं आपके पूर्ण स्वरुप को प्राप्त कर सकूं मुझ पर मेरे सद्गुरु का अनुग्रह बना रहे!
मैं उनके द्वारा दिखाए हुए मार्ग पर सदा अग्रसर रहूं और अपने सद्गुरु के प्रति अटूट निष्ठा वफादारी बनाए रखूं मेरा विश्वास दृढ़ रहे मुझ पर हमेशा कृपा होती रहे! मुझे आशीर्वाद दीजिए