श्रद्धा भाव से सभी दोनों हाथ जोड़ लीजिए! जीवन दाता परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए हृदय के प्रेम के साथ आइए! उसके प्रति हम धन्यवाद करें! हे प्यारे प्रभु! जो भी इस जीवन को चलाने के लिए हमारे कल्याण के लिए सुख,साधन, सुविधा, शांति कृपा आपने प्रदान कि उस सबके लिए आभारी हैं।
हम सभी जीवों के लिए ये धरती आपने दी, जल दिया, आकाश दिया, अग्नितत्व दिया, सूर्य चंद्र दिए, हवाएं दी, सुंदर शरीर दिया, जन्म के साथ ही आवास दिया, माता पिता की गोद दी, संकटों में साथ दिया, आगे बढ़ने के लिए आपने हम सब के लिए अवसर प्रदान किए।
हर वह चीज़ ! जो हमारे जिंदगी के लिए उपयोगी है! जिसके द्वारा हमारा ये जीवन सुखी, शांत, आनंदित, प्रसन्न होता है सभी चीजों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं! और धन्यवाद करते हुए प्रभु आपसे ये निवेदन भी करते हैं! कि ये जिंदगी हमारा पूरा ही धन्यवाद करते बीते शिकायत करते न बीते, दुख मनाते हुए न बीते, जीवन-काल को उत्सव बना करके जी सकें।
अपने देह को सुंदर, स्वस्थ रखें, अपनी प्राण शक्ति को बनाए रखें और मन को शांत और संतुलित बनाए रखें! जानना, सीखना जिंदगी में कभी खत्म न हो हमारा हृदय प्रेम से भरपूर रहे और हमारी आत्मा आनंद से युक्त हो प्रत्येक दिन हम अपने आपको पवित्र बनाएं रखें अपने विचारों को और अच्छा रखें संसार में सुदृढ़ हो करके धैर्य पूर्वक चलते रहें! दुखों में घबराएं नहीं, साहस और हिम्मत हमारी बनी रहे!
हमें आशीर्वाद दीजिए प्रभु! जीवन सफल हो और आपकी भक्ति में हमारा मन लगे आपकी भक्ति के आसन पर बैठें, हाथों से सत्कर्म हो और इतनी संपदा, सुख, सुविधा हो के हम दूसरों के प्रति करुणा रखते हुए अपना भला करने के साथ-साथ दूसरों का भी भला कर सकें! इस विनती को स्वीकार करना परमात्मा।