जीवन क्या है निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है
सुख दुख के दो किनारो में, चल रहा राह मनमानी है!
आरसी प्रसाद सिंह
गम सहकर भी मुस्कुराओ दुनिया में, यहाँ बुज़दिलों की कद्र नही होती
वो चमन खाक में मिल जाते हैं,जहा बागबान की पाक नज़र नही होती
अब भी संभल जा ऐ नौ जवान ;जवानी उम्र भर नही होती!
अपने मन में संकल्प करो कि सौ वर्षों तक जी भर के, दुनिया का आनंद मनाते हुए जीना है।
हम हमेशा सहारा देने वाले बने, सहारा लेने वाले नहीं।
इस गम की अँधेरी रात में दिल को न बेकरार कर;
सुबह जरूर आएगी, तू सुबह का इंतज़ार कर!
अच्छे लोगो के साथ बैठो, अच्छी बातें करो, अच्छी बातें सुनो और अच्छा होने का एहसास करो।
प्रकृति के साथ रहने वाले लोग हमेशा मस्त रहते हैं, आनंदित रहते हैं।