दोनों हाथ जोड़ लीजिए और प्रेमपूर्वक अपनी आंखें बंद कर लें !घट-घट वासी अन्तर्यामी सर्वव्यापक, सच्चिदानंद स्वरूप परमेश्वर के साथ अपना सम्बन्ध जोड़ने के लिए शान्त मन और शान्त स्वर के साथ चेहरे पर शान्ति और प्रसन्नता का भाव लेकर बैठिए!
मन-मन में अपने प्यारे प्रभु का नाम जपिए! अपने प्रभु के स्वरूप को ध्यान में लेकर आइए उस स्वरूप के अंदर से निकलते हुए प्रकाश का अनुभव कीजिए! उस प्रकाश की कुछ किरणें आपके माथे पर भी आ रही हैं!… आप भी तो उसके लाडले बच्चे हो उस प्रकाश को माथे पर आने दीजिए लम्बा गहरा स्वांस लेकर ॐ कार का उच्चारण कीजिए!
मन-मन में तीन बार भगवान का नाम उच्चारण कीजिए! प्यारे प्रभु को उनके आशीर्वाद को अपने सिर पर महसूस करें! चेहरे पर प्रसन्नता का भाव हृदय प्रेम से भरपूर होने दीजिए!
अनेक-अनेक देन जो भगवान ने दी उसे याद करो अपने संकटमोचक प्रभु को याद कीजिए कि संकटों से आपको बचाया, बीमारियों से बचाया, दुश्मनों से बचाया दुनिया जो आपकी मुस्कुराहट को बुझाना चाहती थी, दुनिया आपको खुशहाल नहीं देखना चाहती थी फिर भी जिसने आपको खुशहाल रखा उस प्यारे देव को ध्यान में ले आइए.
जाने में अंजाने में न जाने कितनी-कितनी त्रुटियां हमसे होती है! सभी के लिए क्षमायाचना करते हैं मेरी वाणी से मेरे व्यवहार से मेरे लेन-देन से किसी को भी तकलीफ पहुंची हो सबके सामने सिर झुका के क्षमा मांगता हूं और आपसे भी याचना करता हूं!
प्रभु मेरी खताओं को माफ करना! मेरे हृदय को शुद्ध करना आत्मा को पवित्र करना, मेरा मन आपके चरणों में लगा रहे भगवान! ये शरीर से वो कराओ जो प्रभु मुझे इस दुनिया में करना चाहिए और जिसके लिए मुझे जीवन दिया गया.
अपने दिव्य कर्म कराओ वाणी को दिव्य बनाओ हृदय को दिव्यता से भरपूर कर दो प्रभु! हमारा आस-पास का सारा वातावरण दिव्यता से भरपूर हो जाए
हे प्रभु! आपके दर पर आए हुए जितने भी भक्त हैं! आपसे आस लगाए हुए हैं सबकी आस पूरी करना सुखी हों आनंदित हों सबकी लाज रखना भगवान यही विनती है हमारी प्रभु! स्वीकार कीजिए!