दोनों हाथ जोड़ लीजिए सभी और प्रेमपूर्वक अपनी आंखें बंद कर लें।
अपना ध्यान भगवान में लगाइए और मन-मन में तीन बार अपने प्रभु का नाम स्मरण कीजिए।
भगवान को अपने हृदय में आमंत्रित कीजिए कि अपने प्रकाश की ज्योति हमारे हृदय में जगाओ भगवान
हमसे अपना गहरा रिश्ता जोड़ो हर पल हमें अनुभूति हो कि तुम मेरे साथ हो, आपका कृपा भरा हाथ मेरे सिर पर रहे, तुम मेरा हाथ पकड़ कर इस संसार में मेरे कर्म यात्रा में साथ निभा रहे हो।
प्रभु को मन ही मन प्रणाम करें, साथ निभाने के लिए प्रार्थना करें,
समस्त कृपाओं के लिए धन्यवाद दीजिए अपनी त्रुटियां, भूलें, गलतियां, गफलत, आलस्य और प्रमाद के लिए क्षमा याचना करें।
जो-जो भी मुझसे भूलें हुई, त्रुटियां हुई जो लापरवाही मैंने की उस सब के लिए क्षमा याचना करता हूं।
जो बीती सो बीती बाकि उम्र संभालों,
प्रभु मुझे आशीष दो, जीवन का ये क्षण आपके प्रति समर्पित करता हूं। अपने आपको ‘आपको’ सौंपता हूं, जो मेरे लिए शुभ है उस मार्ग पर लेकर चलिए, जिससे हमारा कल्याण हो, वही हमसे कराइए!
हमारे दु:ख दूर हो, जीवन सुख और आनंद प्रेम से भरपूर रहे l, आशीर्वाद दो भगवान सभी का कल्याण हो।
ॐ शान्ति: शान्ति शान्ति: ॐ