प्यारे ईश्वर से अपना संबंध जोड़ें! मन को खाली करें! जीवन देने वाले दाता के प्रति अपना ध्यान जोड़िये! जीवन कहां से चलकर कहां तक पहुंचा और भविष्य में हमारे सामने क्या चुनौतियां होंगी कितने आंसू, कितने मुस्कान, कितना सुख, कितना दुख, कितनी पीडाओं से गुजरेंगे और कितनी खुशियां मिलेंगी, हम नहीं जानते! लेकिन यह प्रार्थना जरूर करें कि प्रभु आपका साथ होगा तो कैसी भी परिस्तिथि क्यों ना हो हम हर स्थिति से पार जाएंगे! आपकी शक्ति से ही सफल होंगे ! आपकी कृपा से ही जीवन में खुशियां आएंगी आपकी कृपा से ही जीवन की नैया पार लगेगी। निवेदन करते हैं प्रभु से!
हे दीनदयाल, कृपा निधान, सर्वशक्तिमान, हे अंतर्यामिन, हे शुद्ध बुद्ध मुक्त स्वभाव, हे मेरे परमेश्वर आपको हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम! दयालुदेव आपसे ये ही निवेदन करते हैं! पूरा संसार आपके नियमों में और आपकी व्यवस्था से बंधा हुआ है! इस संसार में आपके नियम, आपके कानून के अनुसार ही प्रत्येक चीज़ बनती है, बढ़ती है, बिगड़ती भी है आप में लीन हो जाती है।
जो आप के नियमों को समझता है! योजनाओं के अनुसार चलता है, अनुशासन का पालन करता है! व्यवस्थित होकर जीवन जीता है! वह निश्चित रूप से आपके नियमों के अनुसार जीवन को जीता हुआ आनंद से युक्त होता है! खुश रहता है! जहाँ जहाँ भी हम प्रकृति के नियमों का उल्लंघन करते हैं वहीं जीवन में कष्ट कलेश आना शुरू होता है।
जब जब हम आपसे जुड़ते हैं! हमारे जीवन के अंदर धैर्य आता है, शांति आती है, प्रेम आता है, दया आती है, करुणा आती है, सहयोगी बनते हैं, दूसरों को माफ करना सीखते हैं, सहनशीलता अपनाते हैं क्षमा भाव आता है। सह योगी बनकर हम पिछड़ गए गिर गए लोगों की ताकत बनते हैं। जब हम आपसे जुड़ते हैं! प्रभु हमारे अंदर वह प्रेम सद्भाव आता है! कि हम अपने जैसा ही सबको समझते हैं और सबके अंदर की पीड़ा और संवेदना को भी समझने लगते हैं!
यह धरती रहने के काबिल बनती है, घर स्वर्ग बनता है, जीवन में शांति आती है, प्रसन्नता आती है! इसलिए आप से जुड़े रहें और आपकी दिव्यता हमारे भीतर उतरती रहे! हमें अपनी भक्ति का दान दो! ऐसे प्यारो का संग दो जिनका रंग लगने से जीवन में सुख और शांति आए।
जिनके साथ बैठने से अशांति और पीड़ा बढ़ती हो उनकी संग से हम बचें और वो विचार शक्ति दो कि हर दिन हम अपने आपको ऊंचा उठाएं।
प्रभु सभी का कल्याण हो सभी सुखी निरोग हों और सभी आपकी भक्ति से युक्त रहें। हमारी प्रार्थना को स्वीकार कीजिए और सभी का कल्याण कीजिये।
ॐ शांति: शांति: शांति: ॐ