गुण गोविंद गयो नहीं जनम अकारथ कीन्ह | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

गुण गोविंद गयो नहीं जनम अकारथ कीन्ह | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

गुण गोविंद गयो नहीं जनम अकारथ कीन्ह

💐 गुण गोविंद गयो नहीं जनम अकारथ कीन्ह 💐
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यह मानव जन्म मिला है इसका भरपूर सदुपयोग कीजिये , एक एक लम्हा इतना कीमती है उसके महत्व को समझो ! जो वक़्त बीत गया लौटकर आएगा नहीं – यूं ही माया ,मोह, भौतिकता में लीन रहकर समय व्यर्थ होता जाएगा !
जब होश आएगी तब तक समय हाथ से निकल चुका होगा !इसलिए आवश्यकता है सजग होने की और हर पल को संभालने की !
चौरासी लाख योनियों से गुजरने के बाद यह मनुष्य का चोला मिला है : अगर अब भी नहीं संभले तो कब संभलोगे !
विवेक और सौभाग्य जिस दिन जाग जाएगा – तभी गुरु की शरण मिलेगी और वही तुम्हारी उंगली थामकर तुम्हे सही राह दिखाएंगे ओर परमात्मा के धाम तक लेकर चलेंगे !
अगर इस मनुष्य योनि में भी भगवान का भजन सिमरन नहीं किया :: सदगुरु की शरण ग्रहण नही की – तो मानो कीमती हीरा हाथ से निकल गया और पश्चाताप के आँसू बहाते राह जाओगे !
इसलिए जागो ओर गुरुचरणों में समर्पित होकर अपना सौभाग्य जगाओ !
हरि ॐ!💐

1 Comment

  1. Indu Singh says:

    Pranam Guruji,aap ke bataye huye raste per hi chal rahi hoo.1990 ko kolkata Netaji indoor stadium me aap se diiksha Lee thi.

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