हाथ जोड़ लीजिए सभी मस्तिष्क को शांत करें और प्रेम पूर्वक आंखें बंद करें! चेहरे पर प्रसन्नता का भाव लाइए हृदय में भगवान के प्रति उस प्रेम को जागृत कीजिए! जो धन्यवाद के भाव से भरा हुआ है इस दुनिया में कोई भी हमारे लिए थोड़ा सा कुछ करता है हम उसके प्रति धन्यवादी हो जाते हैं थैंक्फुल हो जाते हैं!
प्यारे ईश्वर के प्रति धन्यवाद का भाव लेकर हृदय में सिर झुकाकर प्रणाम कीजिए, प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रभु! अनंत कृपाओं के लिए आभार
इस जीवन के लिए प्राणों के लिए इस जगत के लिए हर उस देन के लिए जो आपने हमको दी है उन माता पिता के प्रति जिन्होनें हमें प्रेम दिया जीवन दिया अपना दुख सुख भूलकर हमें पाला पोसा लायक बनाया अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा देकर अपने बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखी और खुश हुए अपने बच्चों के दुख से तड़पे जो रोए ऐसे माता पिता को देने के लिए प्रभु आपका धन्यवाद उन समस्त रिश्तों के प्रति धन्यवाद करते हैं
जिन रिश्तों और जिन सहयोगियों के कारण ये जीवन आज यहां तक पहुंचा जो भी हमारे पास प्राप्त है! सब आपकी कृपा का ही परिणाम है जीवन में जो भी दुख हैं! पीड़ाएं हैं वह हमारी अज्ञानता और मूर्खता हमारे गलत निर्णयों के कारण हैं!
हमारे कर्म की दशा गलत थी हम आपके खजाने तक जहां प्रेम था अमृत था वहां तक पहुंच नहीं पाए आप तो देने के लिए सदैव उत्सुक हैं उन्मुक्त हाथों से बांटते रहे हैं बस हमको ही लेना नहीं आता प्राप्त करना नहीं आता आपकी प्रसन्नता तो चारों तरफ बिखर रही है हम ही उदास होकर पीठ करके बैठे हैं!
हे प्रभु आपको बारंबार धन्यवाद ! समस्त कृपाओं के प्रति हमें पात्र बनाओं हम आपके कृपा पात्र बन सकें आशीष दीजिए
ॐ शान्ति: शान्ति शान्ति: ॐ